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*मधुरालय* *सुरभित आसव मधुरालय का*12 बाँस-बाँसुरी की धुनि प्यारी, प्यारा अमृत आसव यह। है निनाद शिव-डमरू का यह- स्वर नव-पंच-मिलाई है।। माँ-वीणा-झंकार इसी में, झर-झर ...